Jalandhar के लोगों को 25 तारीख तक का Ultimatum, हर घर को करना होगा ये काम

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जालंधर : नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स 2016 के मामले में जालंधर नगर निगम को जो अल्टीमेटम दिया है, उसके बाद जालंधर निगम के कमिश्नर गौतम जैन ने अत्यंत सख्त आदेश निकाले हैं, जिसके तहत शहर के हर घर को 25 जुलाई तक अपना गीला और सूखा कूड़ा अलग-अलग करके देना होगा वरना नगर निगम की टीम चालान काटेगी।

गौरतलब है कि एन.जी.टी. ने इन आदेशों पर अमल के लिए निगम को कुछ दिन का ही वक्त दे रखा है, जिसके आधार पर निगम कमिश्नर ने निगम के लगभग सभी अधिकारियों की ड्यूटी तय कर दी है और टाइमलाइन भी फिक्स कर दी है। आज पत्रकारों से विशेष बातचीत दौरान कमिश्नर गौतम जैन ने कहा कि जिन कमर्शियल संस्थाओं से 50 किलो से ज्यादा कूड़ा हर रोज निकलता है, उन्हें यह कूड़ा अपने परिसर में ही मैनेज करना होगा वरना निगम टीम यह कूड़ा नहीं उठाएगी। ऐसा न करने की सूरत में इन संस्थाओं को 5000 से लेकर 25000 रुपए तक का जुर्माना किया जाएगा। निगम कमिश्नर ने बताया कि इस कूड़े को मैनेज करने के लिए फोल्डीवाल, दकोहा, बडिंग, बस्ती शेख इत्यादि डंप स्थानों पर प्रोसेसिंग मशीनें लगाई जा रही हैं और डंप स्थानों पर और भी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अवसर पर उनके साथ एडिशनल कमिश्नर अमरजीत बैंस, ज्वाइंट कमिश्नर पुनीत शर्मा, असिस्टैंट कमिश्नर राजेश खोखर और निगम यूनियन नेता बंटू सभ्रवाल मौजूद थे।

रैग पिकर्स का सिस्टम बनाएगा निगम, साधन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे
निगम कमिश्नर ने बताया कि घरों से कूड़ा एकत्रित करने वाले रैग पिकर्स का डाटा तैयार किया जा रहा है और उन्हें इस सिस्टम का हिस्सा बनाया जाएगा। सुनिश्चित किया जाएगा कि हर रैग पिकर गीला सूखा कूड़ा अलग-अलग करके ही लाए। इसके लिए रेहडों इत्यादि की खरीद भी की जाएगी। कमिश्नर ने बताया कि शहर के मेन डंप स्थानों पर सी.सी.टी.वी. कैमरे इंस्टॉल किए जाएंगे ताकि लोग वहां सीधे कूड़ा न फैंक सकें। उन्होंने कहा कि वरियाणा डंप पर पुराने कूड़े को खत्म करने के लिए बायो माइनिंग प्लांट की फाइनेंसियल बिड ओपन कर दी गई है और जल्द ही वहां प्लांट चालू करने का प्रयास किया जाएगा।

घरों से कूड़ा उठाने के पैसे नए सिरे से तय होंगे, लोगों के सुझाव भी मांगे जाएंगे
कमिश्नर ने बताया कि हर घर से गीला सूखा कूड़ा एकत्रित करने के अभियान के तहत नए सिरे से यूजर चार्ज भी तय किए जा रहे हैं ताकि हर क्षेत्र के हिसाब से हर घर से एक जैसे चार्ज वसूले जा सके और इसमें कोई मनमानी न हो। इस अभियान में नगर निगम यूनियन के नेता बंटू सभ्रवाल ने भी हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। निगम कमिश्नर ने बताया कि यूजर चार्ज से होने वाली आय का एक बड़ा हिस्सा रैग पिकर्स और निगम के सफाई सेवकों के कल्याण पर खर्च होगा। निगम के सामने हैं कई समस्याएं पर इरादे नेक
सरकार ने 2016 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट रूल्स बनाए थे जिन्हें 8 सालों में भी लागू नहीं किया जा सका। अब एन.जी.टी. ने अगस्त महीने के पहले सप्ताह तक रिपोर्ट तलब कर ली है, वरना निगम के बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई तय है। ऐसे में निगम समक्ष चुनौतियां तो बहुत हैं पर चूंकि निगम के इरादे नेक हैं इसलिए सफलता की संभावना भी दिख रही है। आने वाले दिनों में निगम को रैग पिकर्स का सिस्टम बनाना होगा। हर घर से फाइन सेग्रीगेशन का प्रबंध करना होगा। लोगों को यूजर चार्ज देने के लिए मनाना होगा। रैग पिकर्स को जरूरत के हिसाब से रेहडे़, ई रिक्शा इत्यादि उपलब्ध करवाने होंगे। यूनियन की मांगे मानकर उनका सहयोग प्राप्त करना होगा। कूड़े की प्रोसेसिंग के प्लांट चालू करवाने होंगे। खास बात यह है कि नगर निगम पिछले 8 सालों दौरान करीब 8 बार ऐसा अभियान शुरू कर चुका है, परंतु हर बार अफसरों के तबादलों के बाद यह अभियान दम तोड़ता रहा है। अब देखना है कि यह अभियान कितना लंबा चलता है।