पंजाब में आने वाले बिजली संकट पर गम्भीर नहीं है सरकार—- सुनील शर्मा
सुनील शर्मा, अध्यक्ष, इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और सभी सदस्यों की बिजली के संकट के संबंध में एक बैठक की गई।बिजली बोर्ड ने आने वाले दिनों में पंजाब में बिजली का संकट आने की सम्भावना जताई है। धान की बुआई और गर्मियों के कारण बिजली की बढ़ती लागत से बिजली बोर्ड को ऐसा लग रहा है कि पंजाब में बिजली की शोर्टेज़ होने जा रही है। भीषण गर्मी और धान की बुआई के चलते बिजली कट लग सकते हैं। बढ़ती डिमांड को पूरा करने के लिए बाहर से भी बिजली नहीं मिल पाएगी, कारण कुछ भी हो सकते हैं। हम यहाँ सरकार को इतनी ही सलाह दे रहे हैं कि यह सब हर साल होता है और इसके लिए कोई तैयारी नहीं की जाती। इंडस्ट्री आगे ही बहुत बुरा वक्त झेल रही है, गर्मी से लेबर की बहुत दिक्कत आ रही है। प्राडक्शन बहुत कम हो गयी है, बिजली के रेट बढ़ा दिए गए हैं। अब बिजली के कट लगने की नौबत आ रही है। पीएसपीसीएल ने स्पष्ट किया है कि उनके पास डिमांड को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध नहीं है। इस पर इंडस्ट्री को मिलने वाली थर्शोल्ड रिबेट भी बंद कर दी है। हालांकि सरकार बहुत दिनों से यह प्रचार कर रही थी कि हमने पावर प्लांट खरीद लिया है और बिजली सरप्लस हो जाएगी। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर है। हम मानते हैं कि किसानों को बिजली देना आवश्यक है, परन्तु इंडस्ट्री को भी बिजली लगातार मिलनी चाहिए। इंडस्ट्री से सरकार को रैवन्यू का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त होता है। सरकार को बिजली उत्पादन बढ़ाने की ओर ध्यान देना चाहिए, बेवजह ब्यान देने से बचना चाहिए। यहाँ हम एक सुझाव और देंगे कि पंजाब में उद्योगों को प्राईवेट बिजली या एक्सचेंज से बिजली खरीद करने पर जो व्हीलिंग शुल्क है उसे हटाना चाहिए क्योंकि ये शुल्क सरप्लस स्टेट होने पर लगता है। और भी जो टैक्स लगते हैं उनमें रियायत देनी चाहिए ताकि उद्योगपति प्राइवेट तौर पर बिजली की खरीद कर के अपने काम को सुचारू रूप से चला सकें।