Punjab: भाजपा को ले बैठा “400 पार” का नारा, पढ़ें दिलचस्प खबर

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पटियाला: जिस ‘400 पार’ के स्लोगन के साथ भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में चुनावी मुहिम चलाई, वही स्लोगन भाजपा को ले बैठा। इंडिया गठजोड़ ने इस ‘400 पार’ के नारे को आरक्षण खत्म करने के साथ जोड़ दिया था।

कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रधान मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी सहित समूची लीडरशिप ने इस मुद्दे पर ही जोर दिया, जिस कारण उत्तर प्रदेश में इंडिया गठजोड़ और पंजाब में कांग्रेस को इसका लाभ मिला। पंजाब में दलित समाज की आबादी 35 प्रतिशत से अधिक है जिस कारण प्रदेश की कांग्रेसी लीडरशिप और केंद्रीय लीडरशिप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान यही कहा था कि कांग्रेस पार्टी संविधान और लोकतंत्र को बचाने के अलावा बाबा साहिब डा. भीम राव अम्बेडकर की तरफ से दिए गए आरक्षण को बचाने के लिए चुनाव लड़ रही है। यदि 400 सीटें लेकर भाजपा सत्ता में आ गई तो वह संविधान बदल देगी और इसका सबसे बड़ा नुकसान एस.सी. भाईचारे को होगा क्योंकि भाजपा और आर.एस.एस. रिजर्वेशन खत्म करना चाहती  थी। कांग्रेस ने अपनी चुनावी मुहिम की पूरी सूई आरक्षण के आसपास घुमा कर रखी।

यहां तक कि कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता राहुल गांधी अपनी हर चुनाव रैली में संविधान की कार्पो साथ लेकर आते थे और वह बार-बार लोगों को उक्त कापी दिखा कर कहते थे कि भाजपा इस संविधान को खत्म करना चाहती है, इसलिए 2024 का यह चुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं। यह चुनाव संविधान को बचाने का है, जिसमें लोग उनको सहयोग दें। इसका ही प्रभाव रहा कि पंजाब की दलित वोट कांग्रेस के पक्ष में भुगती। पंजाब की 4 रिजर्व सीटों में से जिला फतेहगढ़ साहिब और जालंधर की सीट कांग्रेस जीतने में सफल रही। फरीदकोट रिजर्व सीट पर मुद्दा कोई और भारी हो गया था जिस कारण कांग्रेस वहां करिश्मा नहीं कर सकी। आरक्षण के मुद्दों ने एस.सी. भाईचारे को सबसे अधिक प्रभावित किया। बेशक देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा नेताओं ने बार-बार सफाई दी और कांग्रेस की तरफ से छोड़े गए आरक्षण के ब्रह्मास्त्र की काट मुस्लिम आरक्षण के साथ करने की कोशिश की परंतु वह मुद्दा नहीं चला, जिसके चलते पंजाब में कांग्रेस पार्टी को बड़ी सफलता मिली।