Heatwave Alert : गर्मी ने तोड़ा 46 साल का रिकॉर्ड…मौसम विभाग ने जारी किया 2 दिन का रेड अलर्ट

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चंडीगढ़ : पंजाब में नौतपा के तीसरे दिन तापमान ने पिछले 46 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। सोमवार को बठिंडा में तापमान 48.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह पंजाब में अब तक का सबसे अधिक तापमान है। वहीं, मौसम विभाग ने 29 मई तक रेड अलर्ट जारी किया है। इसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की आशंका है। मौसम विभाग की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, नौतपा का असर पंजाब में अभी दो दिन तक देखने को मिलेगा। इस दौरान तापमान में हल्की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब के बठिंडा में तापमान 48.4 डिग्री दर्ज किया गया है, जो 21 मई 1978 के तापमान से 0.7 डिग्री ज्यादा है। उक्त तारीख को पंजाब का अधिकतम तापमान अमृतसर में 47.7 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, बठिंडा के बाद सबसे अधिक तापमान पठानकोट में 47.1 डिग्री रहा। वहीं, फिरोजपुर का तापमान 45.7 डिग्री, फरीदकोट का 45.6 डिग्री, अमृतसर का 45.4 डिग्री दर्ज किया गया है।

पंजाब के विभिन्न शहरों का तापमान

-अमृतसर- कल का तापमान 45.4 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 46 के पार जाने की आशंका है।

-जालंधर- शहर का अधिकतम तापमान 42.7 डिग्री दर्ज किया गया, जो आज 44 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है।

-लुधियाना- शहर का अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री दर्ज किया गया, जो आज 46 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है।

-मोहाली – सोमवार शाम को अधिकतम तापमान 43.6 डिग्री दर्ज किया गया। आज तापमान 46 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है।

-पटियाला- कल शहर का अधिकतम तापमान 45.4 डिग्री दर्ज किया गया. आज तापमान 46 डिग्री के आसपास रहने की उम्मीद है।

बाहर का तापमान शरीर पर डालता है असर

जुलाई 2022 में हार्वर्ड हेल्थ जर्नल में प्रकाशित एक शोध पत्र में डॉ. आरोन बर्नस्टीन लिखते हैं कि यदि पर्यावरण का तापमान 90 डिग्री फ़ारेनहाइट यानी 32 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, तो शरीर कई दिनों तक इसी तापमान पर रहेगा। निर्जलीकरण का कारण बनता है, न केवल दस्त आदि का खतरा होता है, बल्कि हमारे शरीर का पूरा आंतरिक तंत्र इससे प्रभावित होता है। डॉ. एरोन के अनुसार मानव शरीर में हृदय, किडनी, फेफड़े, लीवर और मस्तिष्क एक निश्चित तापमान पर ही कार्य कर सकते हैं। यदि तापमान इससे बहुत अधिक या कम है, तो शरीर के तापमान को बनाए रखने के लिए पूरे शरीर को अधिक मेहनत करनी पड़ती है। आंतरिक अंगों पर पड़ने वाला अतिरिक्त तनाव उन्हें अचानक अंग विफलता या मृत्यु तक की बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है।

ये गर्मी हो सकती है जानलेवा

तापमान बढ़ने के कारण दिल, किडनी, फेफड़े, लिवर और दिमाग को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, इसलिए जरूरी है कि ये सभी अंग पूरी तरह से स्वस्थ हों, तभी ये इस दबाव को झेल पाएंगे। यदि उन अंगों में पहले से ही कोई बीमारी, कमजोरी या विशेष स्वास्थ्य स्थिति है तो अत्यधिक गर्मी में उनके क्षतिग्रस्त होने की संभावना बढ़ जाएगी।

मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

-गर्मी और धूप से बचें।

-पर्याप्त पानी पिएं।

-हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनें।

-सिर को टोपी या छाते से ढकें।

-शिशुओं, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को गर्मी और धूप के संपर्क में न आने दें।

-खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों को सुबह और शाम काम करने की चेतावनी।

-चक्कर आना, मतली, तेज़ दिल की धड़कन और बेहोशी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।