किसानों द्वारा रेल रोको अभियान समाप्त किया गया, इसका श्रेय भगवंत मान को दिया गया

53
0

आज शंभु बैरियर पर पिछले काफी दिनों से चल रहे किसानों द्वारा रेल रोको अभियान को समाप्त किया गया, और मीडिया में इसका श्रेय भगवंत मान को दिया गया। यह सब देखने में बहुत सहज लग रहा है और सोचने वाली बात है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि रेल रोको वापिस ले लिया गया, हालांकि रेलवे ने इसकी पुष्टि शायद अभी नहीं की है। रेल यातायात भी बहाल नहीं हुआ। ऐसा लग रहा है कि यह सब किसी मकसद के लिए किया गया है वर्ना जो कारण बताया जा रहा है वो गले नहीं उतरता कि लोगों की परेशानी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया। भगवंत मान जी ने भी इतने दिनों से सैकड़ों मीटिंग और प्रैस वार्ताएं की पर सावर्जनिक तौर पर कभी किसान संगठनों से रास्ता छोड़ देने की अपील नहीं की। वो चाहते तो बहुत पहले ही रेल यातायात बहाल हो सकता था। वैसे भी मुख्यमंत्री होने के नाते कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भगवंत मान जी की है। पर हम यहाँ दूसरी बात कह रहे हैं, आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी जी पंजाब का दौरा करेंगे। सुना जा रहा है कि किसान संगठनों ने अपने सदस्यों से अपने अपने जिले में जाने को कह दिया है। एक दो दिन में वे लोग भाजपा के नेताओं के घरों पर प्रदर्शन शुरू करेंगे और एक योजना के तहत मोदी जी के कार्यक्रम से पहले एक अव्यवस्था का माहौल बनाया जाएगा ताकि रैलियों में हाजरी कम हो। हो सकता है कि रैली स्थल की घेराबंदी भी हो। हो सकता है कि इस सबके पीछे कोई राजनीतिक मकसद छुपा हो। राजनीति में हर पार्टी अपना अपना दांव खेलती है।
हमने पहले भी कहा है कि जब पंजाब में अकाली दल और भाजपा का गठबंधन हो रहा था और सब कुछ लगभग फाईनल हो चुका था, सीट आंबटन तक भी तय हो गया था। ठीक उसी समय पंजाब के किसानों का आंदोलन शुरू हो गया और इसका सबसे बड़ा असर हुआ अकाली दल और भाजपा के गठबंधन पर। गठबंधन सिरे नहीं चढ़ सका। उम्मीद है कि आने वाले तीन चार दिन पंजाब की राजनीति में उथल पुथल वाले होंगे