नेशनल डेस्कः चुनाव आयोग ने मतदान आंकड़ों पर विपक्षी नेताओं को कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा लिखे गए पत्र पर शुक्रवार को कड़ी आपत्ति जतायी और इसे स्पष्टीकरण मांगने की आड़ में “पक्षपातपूर्ण विमर्श को आगे बढ़ाने” का प्रयास बताया। उसने खरगे के पत्र को “चुनाव संचालन की एक महत्वपूर्ण कड़ी पर हमला” करार दिया। अनुलग्नकों के साथ पांच पन्नों के जवाब में चुनाव आयोग ने मतदान आंकड़ा जारी करने में कुप्रबंधन और देरी के आरोपों को खारिज कर दिया तथा खरगे के आरोपों को “अवांछित”, “तथ्यहीन” तथा “भ्रम फैलाने के पक्षपातपूर्ण और जानबूझकर किए गए प्रयास को प्रतिबिंबित करने वाला” करार दिया।
चुनाव आयोग ने कहा कि खरगे अन्य दलों के नेताओं के साथ चिंता व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन पत्र को सार्वजनिक करने से मंशा पर सवालिया निशान खड़े होते हैं। उसने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खरगे को “सतर्कता बरतने” और ऐसे बयान देने से “बचने” की सलाह दी। आयोग ने खरगे के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने सवाल किया था कि क्या मतदान प्रतिशत आंकड़ा जारी करने में देरी “अंतिम परिणामों में हेरफेर करने का प्रयास” है। निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसे मौजूदा चुनावी प्रक्रिया के बीच में सार्वजनिक रूप से जारी किया गया खरगे का पत्र “बेहद अवांछनीय” लगा और इसे सुचारू, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के संचालन में भ्रम, गलत दिशा और बाधा पैदा करने के लिए तैयार किया गया था।
आयोग ने कहा, “जब आपने पूछा कि “क्या यह अंतिम परिणामों में छेड़छाड़ का प्रयास हो सकता है, तो पोस्ट की सामग्री, संकेतों और आक्षेपों के माध्यम से, चुनाव प्रबंधन की संवेदनशीलता के संबंध में असामंजस्य पैदा करती है। यह मतदाताओं और राजनीतिक दलों के मन में संदेह और संभावित रूप से अराजक स्थिति पैदा कर सकता है, यह आयोग आशा करता है कि आपका ऐसा कोई इरादा नहीं है।” अनुलग्नकों की एक श्रृंखला में, चुनाव आयोग ने 2019 के लोकसभा चुनावों और उसके बाद के विधानसभा चुनावों के विभिन्न चरणों के दौरान मतदान प्रतिशत रुझान में बदलाव पर एक तथ्यात्मक विवरण भी दिया। उसने कहा कि बूथ-वार मतदान का आंकड़ा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों के पास उपलब्ध है और सुझाव दिया कि कांग्रेस को आरोप लगाने से पहले आंकड़े का विश्लेषण करना चाहिए था।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा जारी मतदान आंकड़ों में कथित “विसंगतियों” के मुद्दे पर मंगलवार को विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा कि यदि महत्वपूर्ण आंकड़ों के साथ मतदान के 24 घंटों के भीतर मतदान का आंकड़ा प्रकाशित किया जाता, तो लोगों को पता चल जाता कि क्या “5 प्रतिशत” की वृद्धि सभी निर्वाचन क्षेत्रों में देखी गई थी या केवल उन निर्वाचन क्षेत्रों में जहां सत्तारूढ़ शासन ने 2019 के चुनाव में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था।