अमेरिका ने भारत को लेकर फिर उगला जहर, तुरंत हरकत में आया विदेश…दिया दो टूक जवाब

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नेशनल डेस्कः भारत ने मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर अमेरिकी विदेश विभाग की हालिया रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया है। अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मणिपुर और जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ है। भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को भेदभावपूर्ण बताया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग का ये दस्तावेज पक्षपातपूर्ण है। ये भारत के प्रति उनकी खराब समझ को भी दिखाता है।

अमेरिका सरकार की इस रिपोर्ट में जातीय संघर्ष के फैलने के बाद मणिपुर में मानवाधिकारों के हनन की घटनाओं पर प्रकाश डाला गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने इसपर कहा, “यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और भारत की खराब समझ को दर्शाती है।” उन्होंने अपनी साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हम इसे कोई महत्व नहीं देते हैं और आपसे भी ऐसा करने का आग्रह करते हैं।” रिपोर्ट में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) के कार्यालय पर भारतीय इनकम टैक्‍स विभाग द्वारा की गई छापेमारी का भी जिक्र किया गया है।

भारत ने अमेरिका में नस्लीय हिंसा और फायरिंग के मामलों का जिक्र किया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को वीकली मीडिया ब्रीफिंग में कहा- “एक डाइवर्स सोसायटी के तौर पर भारत धार्मिक आजादी और मानवाधिकारों का सम्मान करता है। अमेरिका के साथ बातचीत में हमने वहां के मुद्दों पर ध्यान दिलाया है। इसमें नस्ल और मूल के आधार पर होने वाले हमले, हेट क्राइम्स और गन वॉयलेंस के मुद्दे शामिल हैं।

वहीं, अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय और अन्य विश्वविद्यालयों में इज़रायल के विरोध में होने वाले राजनीतिक विरोध प्रदर्शनों के बारे में एक सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने इस मामले पर रिपोटर् देखी हैं और संबंधित घटनाओं पर नज़र रख रहे हैं। हर लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं समझ के बीच सही संतुलन होना चाहिए। ज़म्मिेदारी और सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था के मामले में, लोकतंत्रों को विशेष रूप से अन्य साथी लोकतंत्रों के संबंध में यह समझ प्रदर्शित करनी चाहिए। आख़रिकार, हम सभी का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाता है कि हम घर पर क्या करते हैं, न कि हम विदेश में क्या कहते हैं।”

एक विदेशी पत्रकार द्वारा अमेरिका के नागरिक एवं घोषित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या के कथित प्रयास के बारे में एक प्रश्न पूछे जाने पर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। उच्च स्तरीय समिति कई सूचनाओं पर गौर कर रही है जो अमेरिकी पक्ष द्वारा हमारे साथ साझा की गई थीं क्योंकि वे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी समान रूप से प्रभाव डालती हैं। उच्च स्तरीय समिति उन पहलुओं पर गौर कर रही है और अभी यही स्थिति है।

अमेरिकी विदेश विभाग की मानवाधिकारों पर ताज़ा रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह रिपोटर् बेहद पक्षपातपूर्ण है और भारत की खराब समझ को दर्शाती है। हम इसे कोई महत्व नहीं देते हैं और अन्य सभी से भी ऐसा ही करने का आग्रह करते हैं।