पंजाब कांग्रेस में किसी भी समय हो सकता है बड़ा धमाका, पढ़ें क्या है पूरी खबर

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पटियाला : कांग्रेस पार्टी की तरफ से पंजाब में 6 लोकसभा उम्मीदवारों का ऐलान करने के बाद पंजाब भर में काफी उथल-पुथल दिखाई दे रही है। पार्टी में इन टिकटों को लेकर सबसे अधिक बगावत के सर पटियाला में देखने को मिल रहे हैं और किसी भी समय पार्टी में बड़ा धमाका होने की संभावना है। कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी से 2014 में एम.पी. रहे डा. धर्मवीर गांधी को चुनाव मैदान में उतारा गया है, जिस कारण पार्टी के अधिकतर पूर्व विधायक और टकसाली कांग्रेसी खफा हैं और वह कभी भी पार्टी को तगड़ा झटका दे सकते हैं।

इससे पहले लुधियाना से पार्टी के 3 बार एम.पी. रहे रवनीत सिंह बिट्टू सहित कई अन्य कांग्रेसी पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार सोमवार को पंजाब कांग्रेस के प्रधान रहे लाल सिंह के निवास स्थान पर गुप्त मीटिंग हुई। इसमें जिले के सभी पूर्व विधायकों ने भाग लिया। ये सभी विधायक इस बात से खफा हैं कि पार्टी को टकसाली नेताओं और वर्करों की अनदेखी करते हुए 15 दिन पहले कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए डा. धर्मवीर गांधी को पैराशूट के द्वारा उम्मीदवार घोषित किया है, जबकि सभी टकसाली लगातार मांग करते आ रहे थे कि पार्टी हाईकमान किसी भी पुराने कांग्रेसी नेता और वर्कर को पटियाला से टिकट दे। पार्टी ने संगरूर से सुखपाल सिंह खैहरा को टिकट दी है। सुखपाल सिंह खैहरा कांग्रेस को छोड़ कर आम आदमी पार्टी में चले गए थे और फिर से कांग्रेस में शामिल हुए थे। जो नेता और वर्कर हमेशा पार्टी का झंडा उठाते रहे और कभी भी पार्टी में बगावत नहीं की और हाईकमान का हर आदेश मानते रहे, उनको अनदेखा क्यों किया जा रहा है ? पटियाला के कांग्रेसी नेता कैप्टन अमरिन्द्र सिंह और परनीत कौर के पार्टी छोड़ने के बाद लगातार पार्टी को बचाने और पटियाला में कैप्टन परिवार, आम आदमी पार्टी और  अन्य विरोधी पार्टियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे। लेकिन वह डा. गांधी की टिकट देने के बाद बेहद खफा हैं।

सूत्रों के अनुसार ये सभी टकसाली कांग्रेसी और पूर्व विधायक जल्दी ही बहुत वर्करों से मीटिंग करके अगली रणनीति बनाएंगे। सूत्रों के अनुसार इस गुप्त मीटिंग में फैसला हुआ है कि कांग्रेसी नेता भाजपा और आम आदमी पार्टी में नहीं जाएंगे परंतु कोई नया बदल जरूर ढूंढेंगे। जिला पटियाला की पूरी लीडरशिप ने कांग्रेस हाईकमान के साथ दो-दो हाथ करने का फैसला कर लिया है। इन सभी पूर्व विधायकों और टकसाली नेताओं ने एकजुट होकर चलने का संकल्प लिया है। इस मीटिंग में फैसला हुआ है कि वर्करों की मीटिंग के बाद जो भी फैसला होगा, सभी नेता उसके अनुसार चलेंगे और हाईकमान की किसी भी बात में नहीं आएंगे।  कांग्रेसी वर्कर इस बात से दुखी हैं कि आखिर टकसालियों और पार्टी के लिए लड़ाई लड़ने वाले अपने नेताओं को छोड़ कर पार्टी बाहर के नेता को क्यों अपना रही है? इससे पहले हाईकमान ने अकाली दल से आए कैप्टन अमरिन्द्र सिंह को पार्टी में शामिल करके टकसाली कांग्रेसियों का हक मारा था। कैप्टन अमरिन्द्र सिंह पार्टी के साथ दगा करके भाजपा में चले गए। ऐसे में जो नेता अब शामिल किए जा रहे हैं और जिनको टिकटें दी जा रही हैं, उन पर वर्कर किस तरह भरोसा कर लें। यह लोग पार्टी से शक्ति लेकर कैप्टन अमरिन्द्र सिंह की तरह पार्टी के साथ धोखा करके चले जाएंगे। इसके चलते समूची लीडरशिप ने एकजुटता के साथ फैसला किया है कि अब पुराने नेता और वर्कर सख्त फैसला लेंगे और किसी भी हालत में डा. धर्मवीर गांधी के साथ नहीं चलेंगे। अब यह आने वाला समय बताएगा कि आखिर यह मीटिंग कब होगी और इस में क्या फैसला लिया जाएगा ?