चंडीगढ़ में बुधवार को रेनोवेशन के दौरान बूथों की छत गिरने से हुए हादसे की चंडीगढ़ प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि दो बूथों को मिलाकर एक कॉफी शॉप बनाई जा रही थी, जो नगर निगम के भवन निर्माण नियमों का उल्लंघन है। इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई।
दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया
पुलिस ने इस मामले में ठेकेदार सुरिंदर और बूथ किरायेदार आयुष के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। देर रात दोनों को गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया गया। आयुष सेक्टर 32 का रहने वाला है। जांच के बाद मामले में कई अन्य धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं।
हादसे में तीन मजदूर मलबे में दब गए। इनमें घायल मजदूर अरुण तिवारी और छोटेलाल को वहां मौजूद लोगों ने तुरंत बाहर निकाला। इसलिए दोनों की जान बच गई। उन्हें सेक्टर 32 अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि तीसरे मजदूर मंचन यादव को पुलिस प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम ने कटर से मलबा काटकर बाहर निकाला। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
एसी पाइप बिछाने के दौरान हुआ हादसा
घटनास्थल पर मौजूद लोगों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक मंचन यादव ड्रिल मशीन से लिंटर में छेद कर रहा था। उसे हीटर के अंदर से एसी के बाहर तक पाइप लगाना पड़ा। जब वह लिंटर पर ड्रिल मशीन चलाने लगा तो बूथ का लिंटर नीचे गिर गया। इससे वह नीचे गिर गये।
जानकारी मिली है कि जिस बूथ पर हादसा हुआ वह पिछले 6 महीने से खाली पड़ा था। जुलाई के दूसरे हफ्ते में हुई भारी बारिश के दौरान इसके बेसमेंट में भी पानी भर गया था। दो साल पहले भी इन बूथों पर शराब बेची जाती थी। ठेकेदार ने ही उनके बीच की दीवार हटाकर दोनों के लिए बूथ बना दिया था। जिसके लिए नगर निगम से कोई मंजूरी नहीं ली गई।