मोहाली के शहीद मेजर हरमिंदरपाल सिंह गवर्नमेंट कॉलेज के पोस्ट ग्रेजुएट पंजाबी विभाग द्वारा सेमिनार का आयोजन

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शहाबज़ादा अजीत सिंह नगर: शहीद मेजर हरमिंदरपाल सिंह गवर्नमेंट कॉलेज, मोहाली के पोस्ट ग्रेजुएट पंजाबी विभाग द्वारा ‘कौशल विकास में पंजाबी भाषा की क्षमता और असीमित संभावनाएं’ विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर उद्घाटन भाषण पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के चांसलर प्रो. (डॉ.) जगबीर सिंह का, मुख्य भाषण कृषि पत्रकारिता विभाग, पंजाब कृषि, लुधियाना के प्रमुख प्रो. (डॉ.) सरबजीत सिंह रेणुका, विशेष भाषण जगतार सिंह भुल्लर और अध्यक्षता प्रो. गुरभजन गिल ने किया।

इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य हरजीत गुजराल ने विद्वानों का स्वागत किया और छात्रों को मातृभाषा के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि संपूर्ण पंजाबी भाषा हर दृष्टि से रोजगार के अनेक अवसर प्रदान करने में सक्षम है। अपने उद्घाटन भाषण में चांसलर प्रो. (डॉ.) जगबीर सिंह ने कहा कि कौशल विकास की दृष्टि से पंजाबी एक परिपक्व और समृद्ध भाषा है। अन्य भाषाएँ सीखकर मातृभाषा का दर्जा कम नहीं किया जा सकता। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का जिक्र करते हुए कहा कि इस शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है, यही कारण है कि रोजगार में मातृभाषा का बड़ा योगदान है.

प्रो. (डॉ.) सरबजीत सिंह रेणुका ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि कौशल विकास के सबसे अधिक अवसर मातृभाषा में हैं। मातृभाषा हमारे आंतरिक कौशल को आकार देने में प्रमुख भूमिका निभाती है। इस राष्ट्रीय सेमिनार में विशेष भाषण देते हुए जगतार सिंह भुल्लर ने कहा कि सोशल मीडिया के युग में पंजाबी भाषा में रोजगार की काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मातृभाषा की उपेक्षा करने से मनुष्य में कौशल और मूल्यों का विकास कम होने लगता है।

सेमिनार के संयोजक डाॅ. अमनदीप कौर ने कहा कि विभाग ने कौशल विकास में पंजाबी भाषा के योगदान पर सात दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है। जिसमें छात्रों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अनुवाद, प्रूफ रीडिंग आदि क्षेत्रों में पंजाबी भाषा की पहुंच और मजबूत मांग से अवगत कराया गया। पंजाबी में रोजगार की असीमित संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि जिस भाषा में दुनिया को ज्ञान देने वाली गुरबानी की रचना की गई और संतुलित जीवन जीना सिखाया गया, उसी भाषा में बिजनेस मॉडल भी पूर्ण और सफल होगा।

अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो. गुरभजन गिल ने कहा कि कर्म भूमि की भाषा कौशल उन्नयन में सर्वश्रेष्ठ हो सकती है। मातृभाषा के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। पंजाबी भाषा विश्व स्तर पर बोली जाती है और दुनिया में पंजाबी की सफलता पंजाबी भाषा द्वारा तराशे गए कौशल के कारण है। प्रोफेसर घनशाम सिंह ने कहा कि पंजाबी भाषा एक ऐसा पुल है जो हमें हमारी विरासत से जोड़ती है और रोजगार के सभी अवसर प्रदान करने में सक्षम है। उन्होंने इस गंभीर संवाद के लिए आए हुए विद्वानों और विचारकों को धन्यवाद दिया और कहा कि पंजाबी विभाग पंजाबी भाषा के उत्थान के लिए इस तरह के सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन करता रहेगा। इस अवसर पर प्रो. पुष्पिंदर कौर, प्रो. परमिंदरपाल गिल, डॉ. गुरप्रीत सिंह, डाॅ. कुलविंदर कौर, प्रो. सरबजीत कौर समेत कॉलेज का स्टाफ और बड़ी संख्या में विद्यार्थी मौजूद रहे।